संयुक्त राष्ट्र ने साल 2020 मार्च में जारी विश्व जल विकास रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा था कि जलवायु परिवर्तन विश्व खाद्य उत्पादन के तरीके को पूरी तरह बदल देगा इससे गंभीर और व्यापक खाद्य असुरक्षा पैदा होगी क्योंकि खेती पूरी तरह से जलवायु और मौसम पर आधारित होती है मौसम और जल उपलब्धता में बदलाव के कारण उपज में भारी कमी आ सकती है दूसरी ओर इन परिवर्तनों के कारण खाद्य कीमतों में काफी वृद्धि हो सकती है जिससे ग्रामीण गरीबी बढ़ेगी भारत सहित विश्व भर की प्रमुख कृषि प्रणालियां जलवायु प्रभावों से सबसे अधिक खतरे में है |
सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 40 से 60 वर्षों के दौरान तापमान और वर्षा की प्रवृत्ति में बदलाव के चलते न सिर्फ कृषि प्रभावित होगी बल्कि इसका खाद सुरक्षा पर भी काफी गहरा असर पड़ेगा अधिक तापमान के साथ बढ़ी हुई वर्षा और बढ़ता सूखा और बाढ़ ही जलवायु परिवर्तन का रूप है इसके फलस्वरूप सतह का जल और भूजल घटेगा | मौसमी पानी तेजी से बह जाएगा , बाढ़ आएगी, पानी को लवडता घटेगी और उत्पादकता में भारी कमी आएगी , सरकार के अनुसार सिंधु गंगा और ब्रह्मपुत्र के कृषि क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने के गुंजाइश कम है |

करीब साल भर पहले सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था की मौसम परिवर्तन के चलते सरकार द्वारा बनाये गए लक्ष्य ” 2022 किसानो की आय दो गुनी “के वादे को हासिल करने में दिक्कत आएगी | सर्वेक्षण 2017-18 ने कहा कि जलवायु का कृषि पर असर सरकार की लिए चिंता का विषय है | रिपोर्ट के अनुसार मध्यम अवधि में कृषि में 30 से 35 प्रतिशत के गिरवाट दर्ज की जा सकती है | सरकार ने इस समस्या से निपटने और किसानो की आय दोगुना करने के लिए ठोस कर्यवाही की जरूरत है |
वी.के रेन इरीगेशन सिस्टम
वी.के रेन इरिगेशन सिस्टम जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली बारिश न होने की समस्या का बहुत ही अच्छा समाधान है यह सिंचाई प्रणाली बहुत ही कम पानी के उपयोग से सम्पूर्ण खेत में बारिश कराने में सक्षम है | जिससे की सम्पूर्ण खेत की सिंचाई को बहुत ही कम पानी में सींचा जा सकता है | इस सिस्टम के माध्यम से न केवल सिंचाई करना बल्कि फसलों को फर्टिलाइजर प्रदान करने में भी काफी आसानी होती है |
इस सिंचाई प्रणाली को काफी लंबे समय के अध्ययन के बाद भारत की मौजूदा एवं भविष्य की जरूरतों को समझते हुए कानपुर की कंपनी वी.के पैकवेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसका आविष्कार किया गया है इस सिंचाई प्रणाली को हम “कृत्रिम सिंचाई प्रणाली” के नाम से भी जानते हैं | इस सिंचाई प्रणाली के कारण किसानों की मानसून पर निर्भरता कम हो जाएगी और वह मनचाहे तरीके से अपने खेतों में बारिश कराने में सक्षम होंगे और किसानो की फसल उत्पादकता मानसून से कम प्रभावित होंगी |
माननीय प्रधानमंत्री जी के “2022 किसानों की आय दोगुनी” करने के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकेगा और किसानों की मानसून पर बारिश के लिए निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा |
यह सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो कि सूखे की मार झेल रहे हैं क्योकि वी.के रेन इरीगेशन सिस्टम द्वारा कम पानी व कम समय में सम्पूर्ण खेत की सिंचाई की जा सकती है