किसान भाइयों नमस्कार
हमने स्प्रिंकलर सिंचाई जिसे फौव्वारा सिंचाई भी कहा जाता है ,का प्रयोग किया है, परंतु स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर सबसे बड़ी समस्या क्या आती है | वह समस्या होती है , स्प्रिंकलर को सेट न कर पाना जिसमें अत्यधिक श्रम लगता है और लाने ले जाने में बहुत अधिक खर्चा होता है ,इसके अतिरिक्त स्प्रिंकलर के चोरी होने का भी खतरा बना रहता है जिसमें स्प्रिंकलर पाइप को जोड़ा जाता है वह लगभग हर राज्यों में सब्सिडी में किसानों को मिलता है परंतु स्प्रिंकलर में लगने वाले श्रम व चोरी होने के खतरे के कारण किसान भाई इसका सही से उपयोग नहीं कर पाते हैं |किसान भाइयों की इसी समस्या को समझते हुए वी.के पैक वेळ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने एक ऐसे रेन पाइप Rain pipe का आविष्कार किया है |

जो बहुत ही आसानी से सरकार द्वारा दिए जाने वाले सब्सिडी Hard Pvc पाइप में लगाया जा सकता है, हार्ड पी.वी.सी पाइप में लगने वाले कनेक्टर 2 साइजो में उपलब्ध होते हैं 19MM एवं 25MM, रेन पाइप (v.k Rain pipe) खरीदने से पहले कनेक्टर के साइज़ पर ध्यान जरूर दें इस किट को इस्तेमाल करना बेहद ही आसान है | इसे इंस्टॉल करने के लिए अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती है |

किट को इंस्टॉल करने के लिए कनेक्टर फॉर हार्ड पाइप कनेक्टर में लगाना है जहां से हम स्प्रिंकलर के पाइप को कनेक्ट करते हैं ,कनेक्टर के लग जाने के बाद हमे रेन पाइप को कनेक्ट करना है एक बात हमेशा याद रखें कि रेन पाइप को लगाते वक्त स्टीकर वाला हिस्सा ऊपर की ओर होना चाहिए | क्योंकि रेन पाइप में छेद स्टीकर वाली साइड होते हैं , और रेन पाइप (v.k Rain pipe) के आखिरी सिरे को रेन पाइप किट में दिए गए एन्ड कैप द्वारा बंद कर देते हैं |
वी.के रेन पाइप (v.k rain pipe) मल्टी लेयर एच.डी.पी. ई फैब्रिक से बना होता है, एवं फ्लैक्सिबल एवं फोल्डेबल होता है जिससे इसे ऊंची नीची सतह पर आसानी से लगाया जा सकता है, एवं वजन में हल्के होने के कारण एक जगह से दूसरी जगह लाया एवं ले जाया जा सकता है रेन पाइप से निकलने वाली बौछारें कृत्रिम बारिश की तरह होती हैं |

जैसे प्राकृतिक बारिश वातावरण में उपस्थित नाइट्रोजन को अपने साथ मिलाकर पौधों एवं फसलों को देती है | जिससे पौधों एवं फसलों की ग्रोथ बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार कृत्रिम बारिश भी वातावरण में उपस्थित नाइट्रोजन फसलों को देती है जिससे किसानों को उर्वरक की आवश्यकता भी कम पड़ती है, और फसलों में और फलों में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिलती है सब्जियों एवं फलों को अन्य हानिकारक कीट पतंगों से बहुत नुकसान होता है, रेन इरीगेशन का 3 से 4 मिनट के प्रयोग से कीट पतंगों के पंख पानी में भीग जाते हैं | और वह खत्म हो जाते हैं स्प्रिंकलर के मुकाबले रेन इरिगेशन से सिंचाई करने पर 50 से 60 परसेंट तक की पानी की बचत होती है एवं फसलों की पैदावार में 50 से 60 परसेंट की बढ़त होती है,
स्प्रिंकलर पद्धति की अपेक्षा रेन इरीगेशन सिस्टम से 8 से 12 गुना तेजी से सिंचाई कर सकते हैं रेन पाइप की बौछारें महीन होने के कारण पौधों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाती है, रेन इरिगेशन सिस्टम से 15 मिनट में सिंचाई करने पर 6 इंच तक मिट्टी की गहराई में नमी पहुंच जाती है इस सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर मिट्टी में नमी बरकरार रहती है जो कि पौधों एवं फसलों की वृद्धि में बहुत कारगर साबित होती है|